Mutual Fund Kya Hota Hai In Hindi :- दोस्तों जब बात आती है पैसे को इन्वेस्ट करने की, तब हमारे सामने सबसे पहले शेयर मार्किट और म्यूच्यूअल फण्ड ही आता है। लेकिन हमें टीवी पर म्यूच्यूअल फंड्स की विज्ञापन में बताया जाता है की, “म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाज़ार जोखिमो के अधीन है” जिसकी वजह से बहुतसे लोग इसमें इन्वेस्ट करने से डरते है। इसलिए हम Mutual Funds को अलग नजरिये से देखने लगते है।
लेकिन वास्तव में ऐसा बिलकुल भी नहीं है। क्योकि आपने उस विज्ञापन में ये शब्द भी जरुर सुना होगा की “म्यूच्यूअल फण्ड सही है”। मै ऐसा क्यों बोल रहा हु, इसके बारे में भी मै आपको आगे बताने वाला हु। लेकिन इसके लिए आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढना होगा। क्योकि इस आर्टिकल में मै आपको Mutual Fund Kya Hota Hai In Hindi के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हु।
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म्यूच्यूअल फंड्स क्या है? (What is Mutual Fund)
जैसे की इसके नाम से ही हमें पता चलता है की, यह एक ऐसा फंड है जिसमे कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। यानी की Mutual Fund का सामान्य अर्थ है सामूहिक निवेश। म्यूच्यूअल फंड में सिर्फ आपके अकेले का ही पैसा निवेश नहीं होता है बल्कि कई लोगों का निवेश होता है। जिसमे लगाये गए पैसे अलग अलग जगहों पर निवेश करने के लिए इस्तेमाल किये जाते है। और कोशिश की जाती है की निवेशक को उसकी रकम से भी ज्यादा मुनाफा दिया जाए।
अगर आपको स्टॉक बाजार की जानकारी नहीं, फिर भी आप निवेश करने की इच्छा रखते है। तो आपके लिए म्यूचुअल फंड एक आसान रास्ता है। क्योकि म्यूचुअल फंड कंपनी सभी निवेशकों के निवेश की राशि को इकट्ठा करती है। फिर इस राशि को बाजार में निवेश करती है। इसमें निवेश करने का फायदा यह है कि निवेशक को इस बात की बिलकुल भी चिंता नहीं होती, कि आप कब शेयर खरीदें या बेचें। क्योंकि यह चिंता Fund मैनेजर की होती है।
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Professional Fund Manager कौन होता है?
Fund को प्रबंधित करने का काम एक व्यक्ति द्वारा किया जाता है। जिसको Professional Fund Manager कहा जाता है। पेशेवर फंड मैनेजर का काम म्यूचुअल फंड की देख रेख करना और फण्ड के पैसे को सही जगह पर लगाकर ज्यादा मुनाफा कराना होता है। अगर इसे आसान शब्दों में कहें तो, इसका काम लोगो के लगाये हुए पैसो को मुनाफे में बदलना होता है।
Mutual Fund में कितनी रिस्क है
हर कोई म्यूचुअल फंड को एक रिस्की निवेश मानता है। लेकिन अगर आप पूरी जानकारी के साथ इसमें निवेश करते है तो, म्यूचुअल फंड में निवेश का पूरा फायदा आप उठा सकते है। लेकिन सबसे पहले आपको इस बात को समझने की जरूरत है कि, Mutual Fund में निवेश करना शेयर बाजार की तरह रिस्की नहीं है। अगर आप शेयर बाजार में अपना पैसा किसी एक कंपनी में निवेश करते है और किसी कारण से वह कंपनी डूब जाती है। तो आपका पूरा पैसा डूब जाएगा।
लेकिन अगर आप Mutual Fund में अपना पैसा लगाते है, तो आपके साथ ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा। क्योकि Mutual Fund में आपके पैसे को अलग-अलग कंपनियो मे लगाया जाता है। मतलब की Mutual Fund में आपका पैसा अलग-अलग शेयर और ब्रांड में इन्वेस्ट किया जाता है। इसका फायदा यह है कि, अगर आपने किसी एक कंपनी में लगाया हुआ पैसा डूब भी जाए तो कोई दिक्कत नहीं होगी क्योकि बाकी जगह पर लगा हुआ पैसा उसे कवर कर लेगा। तो इससे आपको कोई भी नुकसान नहीं होगा।
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म्यूचुअल फंड का इतिहास
भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार की पहल पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड 1963 में शुरू किया गया था। और इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गयी थी। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश और बाजार से सम्बंधित विषयों से अवगत कराना था।
1978 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया को भारतीय रिजर्व बैंक से अलग कर दिया गया। भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को भारतीय रिजर्व बैंक के स्थान पर Regulatory और प्रशासनिक नियंत्रण का अधिकार मिला। और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) ने इसके अंतर्गत काम करना शुरू किया।
भारत में Mutual Fund के विकास को कई सारे चरणों में बांटा जा सकता है। जैसे की पहला चरण 1964 से 1987 तक का था। जिसमे यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के पास 6700 करोड़ रुपये का फण्ड आ चूका था।
इसके बाद दूसरा चरण शुरू होता है 1987 से। इसमें Public Sector फण्ड की Entry हुयी। इस समय बहुत सारे बैंको को Mutual Funds बनाने का मौका मिला था। तभी SBI ने पहला NONUTI Mutual Fund बनाया। दूसरा चरण 1993 में ही खत्म हुआ लेकिन दूसरा चरण खत्म होते होते AUM यानी की Assets Under Management 6700 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा बढ़कर 47004 करोड़ रुपये हो गया।
तीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ था जो की 2003 तक चला था। इस चरण में Private Sector Funds को मंजूरी मिली थी। इसी चरण में निवेशकों को Mutual Funds के ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले थे।
चौथा चरण 2003 से शुरू हुआ था जो अब तक चल रहा है। 2003 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) को दो अलग अलग चरणों में बाँट दिया गया। पहला SUUTI और दूसरा UTI जो की SEBI MF के नियमो के अनुसार काम करते है।
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Mutual Fund कैसे काम करता हैं (How Mutual Fund works)
देखा जाए तो म्यूच्यूअल फंड भी एक शेयर मार्केट का ही हिस्सा है। लेकिन हम सब सीधे शेयर मार्केट में निवेश नहीं कर सकते है। क्योकि स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए हमें गहन रिसर्च और अत्याधिक समय निकालना होता है। अगर रिसर्च नहीं कर पाते है और समय भी नहीं निकाल पाते है। तो आप शेयर मार्केट में निवेश करके पैसा नही कमा पाएंगे।
लेकिन Mutual funds में आपका पूरा काम देखने के लिए प्रोफेशनल मनी मैनेजर, फण्ड मैनेजर होते है। जो आपके पैसे को सही जगह पर लगाकर आपके पैसे को बढ़ाने का प्रयास करते है। म्यूच्यूअल फंड छोटे और व्यक्तिगत निवेशकों को प्रोफेशनल फंड मैनेजर की सेवाए प्रदान करती है वो भी बहुत ही कम लागत में।
Mutual Fund में कितने रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है?
यह सवाल तो सब के मन में आता है और आना भी चाहिए। अगर आपके मन में भी यह सवाल आया है तो आपके जानकारी के लिए बता दू तो, इसमें आप महीने के सिर्फ 500 रुपये से भी SIP निवेश की शुरुवात कर सकते हैं। इसी वजह से म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है।
Mutual Fund में SIP निवेश का फायदा क्या है।
म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए हमें में दो विकल्प मिलते हैं। एक में आप पैसा एक साथ लगा सकते है और दूसरे में आप हर माह निवेश कर सकते है। और इसे ही सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कहते है। यानी की अगर आपके पास एक साथ ज्यादा पैसे नहीं है तो आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से थोड़े थोड़े पैसे निवेश शुरू कर सकते हैं।
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म्यूचुअल फंड में क्यो निवेश करें?
बहुतसे विकल्प: म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में बहुतसे स्टॉक और ब्रांड लेने की सुविधा देती है। अगर आप म्यूचुअल फण्ड में निवेश करते हैं तो उस फण्ड को किसी एक जगह नहीं लगाया जाता है। बल्कि अलग-अलग जगह पर निवेश किया जाता है। क्योकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने पर भी अन्य क्षेत्र से लाभ मिल सके।
मैनेज करने में बहुत आसान: आप किसी भी दिन और कितने भी म्यूचुअल फंड को खरीद और बेच सकते हैं।
बहुत कम फीस: म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जो आपके AMC को अपना फण्ड मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम होता है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में बहुतसे लोग निवेश करते हैं और सबके बीच ये फीस बाट दी जाती है।
पारदर्शिता: म्यूचुअल फंड की सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट कि जाती है। और उनके नेट एसेट वैल्यू (NAV) या कीमत की घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। पोर्टफोलियो की घोषणा भी प्रत्येक महीने की जाती है और इनके बारे में विभिन्न जानकारी भी आपको दी जाती है।
म्यूचुअल फंड में SEBI की क्या भूमिका होती है?
म्यूच्यूअल फंड सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के अंतर्गत पंजीकृत हैं जो भारत में बाजार को नियंत्रित करता है। मतलब की निवेशकों के पैसो को बाजार में सुरक्षित रखने का काम SEBI द्वारा किया जाता है। SEBI द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है की, कोई कंपनी लोगों के साथ धोखा तो नहीं कर रही है।
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आखिर में :-
आशा करता हु की आपको आज की हमारी यह पोस्ट Mutual Fund क्या है और कैसे काम करता है? Full Information In Hindi जरुर पसंद आई होगी। अगर आपका इससे रिलेटेड कोई भी सवाल है तो आप हमें पूछ सकते है। आपके हर एक सवाल का बहुत ही जल्द जवाब देने का प्रयास करूँगा।
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